सृजन

सभी ब्रह्मांड से शक्तिशाली ब्रह्मांड है आपका ब्रह्मांड मतलब आपका मस्तिष्क। इस पर विश्वास कीजिए और इसका प्रयोग कीजिए। इसकी शक्तियों को पहचानने के लिए समय का निवेश कीजिए।
कोशिश करनी पड़ती है..
गहरी साँस खुद लेनी पड़ती है
व्यायाम करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है
ये सब आपका व्हाट्सएप नहीं करता
बर्तन धोने के लिए हाथ ठण्डे करने पड़ते है
किताबें पढ़ने के लिए आलस्य त्यागना पड़ता है
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सुबह उठना पड़ता है
ये सब आपका फेसबुक नहीं करता 
नई नौकरी या नए व्यवसाय के लिए 
नई विधा सीखनी पड़ती है
नए समझदार लोगों से मिलना पड़ता है 
ये सब आपका लिक्विड इन नहीं करता 
अपनो से दिल की बात करने के लिए 
उनके पास बैठना पड़ता है
उनको समझना पड़ता है
ये सब आपका टेलीग्राम नहीं करता
जिन्दगी को सजाने-सवांरने के लिए
कठिन मेहनत करनी पड़ती है
रोज शरीर रुपी गुब्बारे में हवा भरनी पड़ती है 
ये सब आपका मोबाइल नहीं करता
मोबाइल, टीवी के बाहर की दुनिया को 
जीना ही जीवन सजाता है
टिक-टॉक तो हमेशा गच्चा देके जाता है
मोबाइल की दुनिया सर्जन करें तो ठीक
वर्ना मोबाइल, वेब सीरीज, टीवी की
दुनिया से निकलो भाई
बाहर भी बहुत कुछ है 
जिन्हें हम महसूस करेंगे
जिनका हम सृजन करेंगे
सृजन करेंगे सृजन करेंगे सृजन करेंगे...

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