नजरिया

नजरिया

सूरत के साथ सीरत भी होती है, यात्रा के साथ चुनौतियाँ भी होती हैं। जो पैसे देता है उसकी फटकार भी सुननी पड़ती है। हमें सब उजला-उजला दिखता है उजले के पीछे के कालेपन को देखना ही समझ कहलाती है। आप विवाह योग्य सुन्दर, समझदार, कमाऊ पति या पत्नी चाहते हैं, जब आप उसके साथ रहना शुरू करते हैं तो समय के साथ उनकी छोटी बड़ीं कमियों या नोकझोंक का पता चलता है। आप यात्रा पर जाते हैं बहुत सुन्दर और रोमांचक जगह पर, कभी बर्फ देखने, कभी समुन्द्र के किनारे लहरों को सुनने महसूस करने या और भी कहीं, यात्रा की चुनौतियाँ साथ होती है। आप नौकरी करके या व्यवसाय में पैसा कमाना चाहते हैं-यहाँ भी आपको नकारे जाने का डर, समय-कुसमय फटकार को सहना पड़ता है। कभी ग्राहक से कभी मालिक के। ये सभी स्थितियाँ पूरक होती हैं। हर अच्छी चीज के साथ उसकी बुराई भी छिपी होती है। यह आप पर, आपके विवेक और संस्कार पर निर्भर करता है कि आप अच्छाई के साथ बुराई को किस नजरिए से स्वीकारतें हैं। समस्या से भागने या बुरा-भला कहने का अर्थ है- समस्याएँ आप से बड़ी है तो समस्याओं से बड़ें बनने का तरीका ढूढियें, ट्रेनिंग लीजिए, समस्याओं से सम्बंधित नए हुनर (skills) सीखिए। उसके बाद भी ठीक ना हो तो अन्तर्मन की आवाज को सुनिए- आपका विवेक जो निर्देश दे उसे अपनाइए। एक चीज याद रखिए कोई भी समस्या आप से बड़ीं नहीं है।

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