Principle of LML

Principle of LML 

 लोड मत लो

लहरों का आना-जाना स्वाभाविक है। इस बड़ी दुनिया में लहरें आती हैं जाती है, हर लहर आपको गीला करें, आपको सताए.. ऐसी इजाजत उन लहरों को न दें। मतलब हर बात का लोड मत लें।
    हम छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाते हैं, मन-मसोस कर बैठ जाते हैं..

हम लोड कब लेते हैं..
कभी मन-पसन्द का खाना नहीं बना।
कभी आपको किसी ने नमस्ते नहीं की।
कभी किसी ने ज्यादा तेज बोल दिया।
कभी किसी ने आपकी तारीफ नहीं की।
कुछ नियम जोड़ दिए गए।
कोई रिप्लाई नहीं मिला।
फोन घर छुट गया।
सोशल मीडिया पर लाइक्स नहीं मिले।
देर से पहुंचने पर बॉस ने फटकार लगा दी।
किसी की प्रतिक्षा के समय..
मौसम के बदलाव से..
किसी न फोन नहीं उठाया।
और भी बहुत सी बातें हो सकती हैं.. जिनका आप लोड लेते हों.. उनकी सूची बनाए.. और खुद को बताए कि कौन-सी बात का लोड लेना है.. और किसका नहीं लेना है।
       आप कोई झुई_मुई के पौधे नहीं हैं कि आपको किसी ने कुछ बोल दिया, कुछ कह दिया, कुछ कर दिया या कुछ नहीं किया तो आप सिकुड़ गए या फिर फूल गए। छोटी-छोटी बातों का लोड मत लीजिए। जो जीवन को प्रभावित करता हैं उन्हीं बातों का लोड ले, और जब वास्तविक लोड ले तो उन पर कार्यवाही करें, अगर कार्यवाही नहीं कर पाते तो फिर लोड मत लो।
और अब अंत में.. अपने अहंकार, अपने इच्छाओं, अपने पूर्वाग्रहों से बचें और दूसरों के अहंकार, उनकी इच्छाओं, उनके पूर्वाग्रहों से खुद को शिकार न होने दें।

मौन 

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