महिला vs पुरुष

महिला vs पुरुष


"पुरुष मंगल ग्रह से आए हैं और महिलाएं शुक्र ग्रह से" (Men are from Mars, Women are from Venus) -जॉन ग्रे की पुस्तक बताती है..

पुरुष चाहता है- शक्ति, ज्ञान और पद (ओहदा)
महिला चाहतीं हैं- हमदर्दी, सम्मान और बातचीत

पुरुष एक समय में एक काम कर सकता है।
महिलाएँ एक साथ दो काम भी कर सकती हैं।

लक्ष्य हासिल करना पुरूषों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे इनकी योग्यता सिद्ध होती है और उसे सफल होने का एहसास होता है।
महिला लक्ष्य हासिल करने के बजाय संबंध बनाना ज्यादा महत्वपूर्ण मानती है। सदियों तक दूसरों की जरुरतों को समझने के कारण महिलाओं की छठी इंद्री बहुत सक्रिय और सटीक होती है इसीलिए महिलाएँ मनोविज्ञान की विशेषज्ञ होती है।

किसी पुरुष को बिना माँगे सलाह देने का मतलब है कि उसे काम करना नहीं आता। पुरुष का तर्क होता है। -"किसी और को क्यों शामिल करुँ जब मैं इसे अकेले कर सकता हूँ?" इसलिए महिलाओं को बिना स्वभाव जाने पुरुषों को सलाह देने से बचना चाहिए।
महिलाएँ सलाह माँगने और सलाह देने में नहीं झिझकती। महिला पुरुष से यदि कोई अपनी समस्या बतायें तो उसको ध्यान से सुने और उसमें दिलचस्पी दिखाएं। पुरुष महिला को समस्या का समाधान देने से बचें, महिला को सुनते रहें लगातार।

टिप्पणियाँ