मृत्यु को रोचक बनाइए।

मृत्यु जीवन का कटु नहीं बल्कि मृदु सत्य है क्योंकि मृत्यु ही हमें बताता है कि जीवन हरदम नहीं रहेगा, हरदम नहीं रहेगा का अर्थ है जब तक है तब तक तो जी लें। आप खुद सोचों बिना नियंत्रण का मन कहाँ उड़ान भरता है। मृत्यु जीवन का एक पैमाना है। जब हमें हमारी हद पता होती है तो हम उस हद की सत्यता को मान कर उस हद में रहते हुए, उस हद का पूरी क्षमता से प्रयोग करना चाहते हैं। हम वो सारी चीजें करना चाहते हैं जो हमारे जैसे किसी इन्सान ने किया हो। जब हम मृत्यु को याद रखते हैं और पहचानते हैं पर डरतें नहीं है तो मृत्यु को हम सहज लेने लगते हैं और मृत्यु के लिए तैयार भी रहते हैं और तैयारी भी करते रहते है, तैयारी करने का अर्थ है अपने जीवन को पूरे आनन्द और उत्सव के साथ जीना। हर दिन को अपना आखिरी दिन मानना, अगर मृत्यु आए तो उसे खुले दिल से अपनाना और जो मृत्यु को स्वीकार नहीं करेगा वो उसे अपना नहीं पायेगा और जो अपना नहीं पायेगा वो जी नहीं पाएगा। जो इन्सान मृत्यु के सत्य को हमेशा याद रखता है उसकी अनेकों व्याधियाँ और बाधाएँ प्रकृति ले लेती है और उसे मुक्त कर देती है, जीवन जीने के लिए.. मृत्यु अर्थात जीवन के सार को जानने वाला व्यक्ति काम क्रोध लोभ मोह अहंकार ईष्या की सांसारिकता को समझता है। वह संसार में रहते हुए भी सांसारिकता से मुक्त रहता है। वह अपने कर्तव्यों को करता है, अपने कर्मों को अपनाता है, आनन्द को अपनाता है और दूसरों को भी आन्नदित करने के अवसर जताता है, उसकी झोली भरी है जीवन की सत्यता से, आस्था से, विश्वास से, मुस्कुराहट और सह्रदयता से। उसे पता है सब छोड़ के जाना है तो जाने से पहले जो तुमने लिया दिया है वो हिसाब कर लो, तुरन्त.. अभी.. चाहें जीवन के किसी भी पड़ाव में हो अपना हिसाब-किताब बराबर, कोई उधारी नहीं, कुछ कर रहें हो किसी के लिए तो उसे एहसान मत समझो, तुमने भी लिया है तो देकर जाना पड़ेगा। नहीं दोगे तो हिसाब तो चुकता करना ही पड़ता है चाहे आगे या पीछे। जीवन को एक अवसर मानें।


टिप्पणियाँ

  1. Nice👍
    जन्म के समय में रोया, दुनिया खुश हुई
    अब कुछ ऐसा कर जाओ,
    मृत्यु के समय में खुश होऊँ, दुनिया रोए

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