मौन

  • मौन का सही प्रयोग गुणकारी होता है। मौन एक श्रृगांर है, "मौन श्रृंगार" का सही मात्रा में उपयोग जीवन को एक नए स्तर तक ले जा सकता है। साथ ही यह भी याद रखें-

(प्रसंगवश इन पक्तियों का प्रयोग किया जा रहा है)-
अति का भला ना बोलना
अति का भला ना चुप
अति का भला ना बरसना
अति का भला ना धूप।।
 पहले जब मुझे परीक्षा की तैयारी करनी होती थी तो मैं अपनी मेज के सामने एक पर्ची पर चिपका देता था कि "आज मैं मौन हूँ।" कभी कभी अल्प समय के लिए भी मौन रहा जा सकता है।
        मौन का सही अर्थ है प्रतिक्रिया से बचना। आप यदि किसी दिन मौन रहने का विचार करतें हैं तो यह मुश्किल होगा। तो शुरु में अपरिहार्य होने पर सामान्य उत्तर दें परन्तु प्रतिक्रिया ना करें। यह विषय बहुत गूढ़ है। मेरी राय ये है कि "मौन का प्रयोग करते समय अपने विवेक का प्रयोग करें। मौन के दौरान विवेकशील रहें।

सृजन कविता पढ़ें।


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